दोस्तों शेयर मार्केट में ट्रेडिंग trading के लिए हर व्यक्ति के पास अपना एक अलग फंडा होता है सभी ट्रेडर अपनी अपनी सोच और समझदारी से शेयर मार्केट में ट्रेड खरीदारी बिकवाली करते हैं आज मैं आपको बताऊंगा कि शेयर मार्केट में सिर्फ शेयर खरीदने और प्रॉफिट होने पर बेचना ही काफी नहीं किसी भी निवेशक या ट्रेडर शेयर मार्केट से तब तक पैसा नहीं कमा सकता जब तक वह शेयर खरीदने और बेचने में महारत हासिल नहीं कर लेता खासकर इंट्राडे ट्रेडिंग के लिए
इन तरीकों से आप शेयर मार्केट से और अधिक प्रॉफिट कर सकते हैं और अपने नुकसान को सीमित कर सकते हैं
मार्केट के हिसाब से खरीदारी और बिकवाली करो अधिकतर देखा गया है निवेशक सुबह अपने मन में योजना बना लेते हैं कि आज शेयर मार्केट गिरेगा या बढ़ेगा बस यही ख्याल लेकर वह दिनभर ट्रेडिंग करते रहते हैं जबकि मार्केट उनसे विपरीत दिशा में ट्रेड करता रहता है इसलिए निवेशकों को चाहिए कि वह शेयर मार्केट के हिसाब से ट्रेड करें यह शेयर मार्केट में सब कुछ पॉजिटिव चल रहा है तो पॉजिटिव ट्रेड के साथ रहे आप भले ही अब सोच रहे हो कि मार्केट नेगेटिव जाएगा किंतु मार्केट में यदि ऐसा कुछ ना दिखे और मार्केट ग्रीन लेबल पर चैट कर रही हो तब आपको भी चाहिए कि मार्केट के साथ रहे
शेयर के खरीदने और बेचने के लिए सही मूल्य का चुनाव
शेयर मार्केट से मुनाफा कमाने के लिए शेयर को सही मूल्य पर खरीदना और बेचना सबसे महत्वपूर्ण है एक होशियार निवेशक शेयर के सपोर्ट मूल्य पर ही शहर खरीदता है और टारगेट मूल्य पर ही उसको सेल करता है
स्टॉप लॉस ऑर्डर लगा कर रखना
शेयर बाजार में इंट्राडे ट्रेडर को स्टॉप क्लास की अहमियत मालूम होती है stop-loss खासकर बैंक निफ़्टी और निफ्टी फ्यूचर की खरीदारी और बिकवाली में सबसे ज्यादा प्रयोग किया जाता है क्योंकि सबसे ज्यादा उतार-चढ़ाव इन्हीं सेक्टरों में होता है स्टॉपलॉस लगाना एक अच्छे ट्रेडर की निशानी है बिना stop-loss लगाए कभी भी ट्रेडिंग ना करें अत्यधिक नुकसान को रोकने के लिए यह आर्डर लगाया जाता है और इस आर्डर से आपको अचानक से होने वाली गिरावट के कारण आपकी पूंजी को सुरक्षित रखता है पहले से निर्धारित प्राइज पर शेयर पहुंचने पर आपके शेयर सेल हो जाते हैं और आपको अत्याधिक नुकसान से बचाते हैं
Profit और लॉस का रेशियो बरकरार रखना
एक अच्छा ट्रेडर हमेशा नफा और नुकसान के स्तर को बरकरार रखता है उदाहरण के लिए यदि कोई निवेशक ₹100 का शेयर इस आशय से खरीदता है कि वह 120 तक पहुंच जाएगा और ₹20 प्रॉफिट उस शेयर पर बुक करेगा तो उस निवेशक को हमेशा यह बात ध्यान रखनी चाहिए कि ₹20 प्रॉफिट के लिए यदि कोई शेयर खरीदा जाए तो उस पर अधिकतम नुकसान कितना सहा जा सकता है लाजमी है कि ₹20 की प्रॉफिट के लिए कोई भी निवेशक ₹40 का नुकसान नहीं सहना चाहता क्योंकि यह रूल शेयर मार्केट के खिलाफ है ₹20 की प्रॉफिट के लिए यदि निवेशक कोई शेयर खरीदता है तो उस शेयर पर अधिकतम ₹7 से ₹10 तक का नुकसान सहन करना चाहिए और ₹100 के शेयर के लिए ₹90 या ₹92 के प्राइस का स्टॉप लॉस लगाना चाहिए
किंतु कुछ निवेशक ₹20 प्रॉफिट के लिए ₹100 के शेयर को खरीदते हैं किंतु वह शेयर अपोजिट मूवमेंट पर ₹80 से भी नीचे गिर जाता है और उस सौदे पर वह निवेशक इस आशय से बने रहते हैं दोबारा यदि यह शेयर ₹100 में जाएगा तो मैं बेचकर अपनी पूंजी बचा लूंगा किंतु ऐसा अक्सर नहीं होता है और शेयर में गिरावट और अधिक बढ़ जाती है जिससे निवेशक को काफी नुकसान हो जाता है जबकि बुद्धिमता इस बात में थी कि ₹20 के प्रॉफिट के लिए ₹40 दाव पर नहीं लगाना चाहिए था इस तरह की ट्रेडिंग करने वाले निवेशक कभी भी मुनाफे में नहीं रहते उन्हें अक्सर नुकसान होता रहता है क्योंकि मुनाफा यदि ₹100 होता है तो नुकसान 300 का होता है मुनाफे से 3 गुना ज्यादा नुकसान हमेशा होता है उदाहरण के लिए यदि आप ₹5000 प्रति दिन शेयर मार्केट से निकालते हैं किंतु जिस दिन आप को नुकसान होगा उस दिन आपको 5000 नहीं 15000 का नुकसान सहना पड़ेगा