आज हम बात करें करेंगे रिस्क रिकॉर्ड रेशियो के विषय के बारे में रिस्क रिकॉर्ड रेशियो को आप मनी मैनेजमेंट या रिस्क मैनेजमेंट भी कह सकते हैं रिस्क रिकॉर्ड रेशियो का सीधा सा मतलब यह होता है कि हमें बाजार में कितना रिस्क लेना चाहिए और उस रिस्क के आधार पर हमें कितना रिकॉर्ड मिलना चाहिए या कहें कि कितना मुनाफा मिलना चाहिए इसी विषय पर हम आज चर्चा करेंगे दोस्तो रिस्क रिकॉर्ड रेशियो की बात करें उससे पहले हम यह समझ लेते हैं कि
रिस्क मैनेजमेंट क्या होता है और यह क्यों जरूरी है
तो ज्यादातर निवेशक और इंट्राडे ट्रेडर शेयर बाजार में रातों-रात करोड़पति बनने की अपेक्षा से इंट्राडे ट्रेडिंग करते हैं लेकिन किसी भी ट्रेडर के लिए ऐसी अपेक्षा रखना मूर्खता है इंट्राडे ट्रेडिंग का काम जब कोई नया ट्रेडर सुरु करता है तब उसके पास इंट्राडे ट्रेडिंग का कोई अनुभव नहीं होता है इंट्राडे ट्रेडिंग कैसे करना चाहिए यह इंट्राडे ट्रेडिंग करके ही सीखा जा सकता है जैसे कि पानी में उतरे बिना तैरना नहीं सीखा जा सकता उसी प्रकार इंट्राडे ट्रेडिंग का काम किए बगैर उसका अनुभव नहीं मिल सकता शेयर बाजार में आमतौर पर ऐसा कहा जाता है कि यहां आदमी अपनी गलतियों से ही सीखता है लेकिन इस प्रक्रिया में आपको बहुत बड़ी रकम गंवानी पड़ सकती है इसलिए शेयर बाजार का काम शुरू करने से पहले ट्रेडर को रिस्क मैनेजमेंट का ध्यान रखना चाहिए कि ट्रेडर इस बाजार में कितना रिस्क ले सकता है और नुकसान उठाने के बाद उसके भौतिक जीवन पर इसका कितना प्रभाव पड़ सकता है सबसे पहले आपको इस बाजार में रिस्क प्रोफाइल तय कर लेना चाहिए मतलब की यह जान लें कि आप निवेश के मामले में कितना जोखिम उठा सकते हैं आपका निवेश आपके रिस्क प्रोफाइल के अनुसार ही होना चाहिए रिस्क प्रोफाइल आपकी उम्र आपकी जिम्मेदारी आपकी आमदनी और आपकी बचत और आपकी आर्थिक और पारिवारिक हालत को देखकर ही तय करना चाहिए इंट्राडे ट्रेडिंग में सभी ट्रेडर्स को उनका बाजार में अस्तित्व बनाए रखने के लिए जोखिम को नियंत्रण में रखने की कला सीखना जरूरी है कई ट्रेडर है जो बाजार में नए-नए आते हैं और बहुत बड़ी पोजीशन खड़ी कर लेते हैं और रिस्क मैनेजमेंट का कोई ध्यान नहीं रखते हैं और उन्हें बहुत बड़ा नुकसान उठाना पड़ता है जिससे उनकी आर्थिक स्थिति बहुत ज्यादा बिगड़ जाती हैं और वह फिर कभी बाजार में निवेश करने की नहीं सोचते हैं दूसरी ओर यदि आप में ज्यादा जोखिम उठाने की क्षमता नहीं है तो आप इस बाजार से दूर रहें और फिक्स डिपॉजिट या पीपीएफ या पोस्ट ऑफिस सेविंग स्कीम में निवेश करें
जानिए रिस्क मैनेजमेंट में 2% का नियम क्या होता है
दोस्तों रिस्क रीवार्ड थ्योरी का इंट्राडे ट्रेडिंग में उपयोग करना बहुत जरूरी होता है क्योंकि इसका उपयोग करके ही इंट्राडे ट्रेडर लंबे समय तक ट्रेडिंग करने में कामयाब हो सकता है रिस्क मैनेजमेंट के लिए 2% का नियम बनाया गया है यह 2% का नियम दुनियाभर में प्रसिद्ध हैं तो चलिए देखते हैं कि यह 2% का नियम क्या है अगर आप एक ट्रेड करते हैं तो आप की संपूर्ण राशि जो आपके ट्रेडिंग अकाउंट में है तो उसके 2% से ज्यादा का जोखिम नहीं ले सकते हैं क्योंकि अगर आपको नुकसान हुआ तो आप की संपूर्ण राशि का केवल 2% ही होगा जो एक ट्रेड में नुकसान के लिए योग्य हैं शेयर बाजार बहुत ही चंचल होता है अगर बाजार आपकी दिशा में जाता है तो आपके लिए कोई चिंता की बात नहीं है लेकिन अगर आपके ट्रेड के विपरीत दिशा में जाने लगे तो आपको केवल 2% का ही नुकसान होगा एक अच्छी स्थिति में ब्रोकरेज और गवर्नमेंट टैक्स जो कि एक ट्रेड के साथ लगते हैं उनका भी 2% के नियम में समावेश होना चाहिए लेकिन हर बार 2% के नियम में इनका समावेश हो यह संभव नहीं हो पाता है इस 2% के रिस्क मैनेजमेंट का सबसे बड़ा फायदा यह है कि अगर ट्रेडर एक ही दिन में चार-पांच गलत ट्रेड भी ले ले तो भी वह अपने निवेश का ज्यादातर हिस्सा नहीं गवाता है और दूसरे दिन फिर से ट्रेडिंग करके अपना घाटा बराबर कर सकता है
इस तरह से समझिये 2% के रिस्क मैनेजमेंट के नियम को
अब हम एक उदाहरण से 2% का रिस्क मैनेजमेंट नियम को समझते हैं तो मान लीजिए अगर आप ₹100000 का निवेश कर रहे हैं तो आप तो आपका रिस्क एक सिंगल ट्रेड में पूरे निवेश का 1% से 2% तक का ही होना चाहिए मतलब कि ₹100000 के निवेश में आपका रेस एक सिंगल ट्रेंड में ₹1000 से ₹2000 का ही होना चाहिए जो बड़े बड़े निवेशक वह भी इंट्राडे ट्रेडिंग में अपने पूरे निवेश का 1% से 2% हिस्सा ही रिस्क मैनेजमेंट के लिए उपयोग करते हैं वह 2% का रिस्क मैनेजमेंट का नियम हर स्थिति व सालों की जांच करने के बाद बनाया गया है आप इस प्लान को बिना कोई सवाल या बिना किसी शंका के पालन कीजिए तो आप इस नियम में छुपे हुए गूढ़ रहस्य को जान जाएंगे।
यह लेख केवल जानकारी देने के लिए है शेयर बाजार जोखिम के अधीन है शेयर बाजार में निवेश करने से पहले स्वयं आप अपने विवेक से काम ले।