घर बैठे ऑनलाइन तरीके से पैसे कमाने का शेयर मार्केट एक सही विकल्प हो सकता है किंतु जानकारी के अभाव में लोगों को नुकसान भी हुआ है इसीलिए कई लोग बाजार से दूर ही रहते हैं अपने पैसे की सुरक्षा के लिए यह जरूरी है कि आप ऐसे किसी भी चीज में पैसा ना लगाएं जिसके बारे में आपको जानकारी ना हो लेकिन यह भी याद रखें कि पैसे को तिजोरी में रखना या बैंक अकाउंट में रखना भी पैसा गवाने का या पैसे को भगाने का पैसे को बीमार करने का एक रास्ता है क्योंकि जिस रफ्तार से महंगाई बढ़ रही है अगर उसी रफ्तार से या उससे तेज रफ्तार से आपकी बचाई हुई रकम भी नहीं बढ़ रही है तो इसका मतलब है कि आपका पैसा बढ़ने की जगह धीरे-धीरे कम होता जा रहा है
और इसीलिए जरूरी है कि आप अपने पैसे को भी काम पर लगा दे। अब आप सोचेग कि पैसे को कम पर कैसे लगाएंगे कहीं पैसे की दुकान खुलवा देंगे, पैसे को दफ्तर भेज देंगे, क नौकरी कर ले ऐसा तो हो नहीं सकता पैसे को काम पर लगाने का अर्थ है कि उसको किसी ऐसी जगह पर पर लगा दिया जाए जहां वह ठीक ठाक रफ्तार से बढ़े बहुत तेजी से बढ़े तो बहुत अच्छा है लेकिन अगर बहुत तेजी से ना बढ़े तो ठीक-ठाक रफ्तार से बढ़े इसका अर्थ क्या है। इसका अर्थ है कि बैंक डिपॉजिट में जितना इंटरेस्ट आपको मिलता है या महगांई जिस रफ्तार से बढ़ रही है इसके मुकाबले तेज रफ्तार से आपका पैसा बढ़े तो माना जाएगा कि वह ठीक-ठाक रफ्तार से बढ़ रहा है।
अब आप अगर तरह-तरह की रिसर्च कर ले और उसके बाद पता लगाएं तो पता चलेगा कि ऐसी जगह तो दरअसल शेयर बाजार ही है जहां पक्के तौर पर आपका पैसा महंगाई की रफ्तार से तेज रफ्तार से बढ़ता है लंबे दौर में ऐसा नहीं हो सकता है कि आज लगाया और अगले महीने सोचे कि अपने को वो सबसे तेज रफ्तार से मिले हो सकता है अगले महीने गिरा हुआ दिखे। इसलिए यह शॉर्ट टर्म की बात नहीं हो रही है लंबे टाइम की बात हो रही है 5 साल से ऊपर 5 साल 10 साल 15 साल और 20 साल।
और अब एक बार आप ने तय कर लिया कि शेयर बाजार में पैसा लगाएंगे तो आपको क्या करना है आपको यह तय करना है कि आप सीधे शेयर खरीदेंगे या Mutual Fund में जाएंगे या कोई इंडेक्स फंड खरीदेंगे। तो जो लोग पहली बार बाजार में आ रहे हैं उनके लिए सीधे शेयर खरीदना बहुत अच्छा भी साबित हो सकता है और बहुत खराब भी लेकिन सबसे पहले तो आपको यह फैसला करना है कि आप जो पैसा लगा रहे हैं वह पैसा और उसके ऊपर बढ़कर मिलने वाला पैसा आपको कब - कब चाहिए और कितना चाहिए और इसके लिए सबसे अच्छा रास्ता यह है कि आप एक भरोसेमंद फाइनेंस एडवाइजर के पास जाए बिलकुल वैसे ही जैसे बीमारी के इलाज के लिए आप एक अच्छे डॉक्टर के पास जाते हैं।
एडवाइजर के सामने आपको अपने रुपए पैसे का पूरा हाल बिल्कुल वैसे ही रखना है जैसे डॉक्टर के सामने अपने शरीर का हाल रखा जाता है यहां दर्द हो रहा है यहां तकलीफ हो रही है यह सब जो आप बताते हैं बिल्कुल उस तरह आपको अपने पैसे का बताना है कितना बचा रखा है, इतनी की जरूरत है या इतनी कमी दिख रही है, अभी बचत इतनी हो पाती है इस जगह लगाया हुआ है यह सब जवाब उनके पास पूरा अपना हिसाब रख देंगे तो वहीं से आपको यह नुस्खा मिलेगा जब आप उनके सवालों के जवाब दे डालेंगे तो फिर आप उनसे कहिए भाई अब एक नुस्खा बना कर दीजिए जैसे डॉक्टर साहब पर्चा देते हैं
तो इस तरह से आप अपने पैसे को बीमार होने से बचा सकते हैं और उससे तेज रफ्तार से दौड़ने लायक बना सकते हैं यहीं से आपको सलाह मिलेगी कि आपको शेयर बाजार में सीधे जाना भी चाहिए या नहीं या फिर आपको म्यूचुअल फंड में भी इक्विटी फंड लेने चाहिए या उन से कम पैसा देने वाले डेट फंड में जाना चाहिए या दोनों में तालमेल रखने वाले बैलेंस फंड में जाना चाहिए या फिर हालात के हिसाब से बदलने वाले फंड होते हैं डायनामिक फंड, बैलेंसड एडवांटेज फंड जैसे इनके बारे में सोचना चाहिए तो यही एक रास्ता है जिससे आप अपने पैसे की सेहत और अपने मन की शांति दोनों सुनिश्चित कर सकते हैं एक अच्छा एडवाइजर ढूंढ लिजिए। उससे सलाह लीजिए और उस सलाह पर चलिए।