Obc sc st cost change मझवार, गोंड, बेलदार, तुरैया की उपजाति कहार, कश्यप, केवट, मल्लाह, निषाद, कुम्हार, प्रजापति, धीवर, बिन्द, भर, राजभर, धीमर, बाथम, तुरहा, गोड़िया, मांझी तथा मछुआ को अनुसूचित जाति के रूप में परिभाषित करने का निर्णय:-
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मंत्रिपरिषद ने शिल्पकार, मझवार, गोंड, बेलदार, तुरैया की उपजाति कहार, कश्यप, केवट, मल्लाह, निषाद, कुम्हार, प्रजापति, धीवर, बिन्द, भर, राजभर, धीमर, बाथम, तुरहा, गोड़िया, मांझी तथा मछुआ को अनुसूचित जाति के रूप में परिभाषित करने सम्बन्धी प्रस्ताव को भारत सरकार को भेजने का निर्णय लिया है।
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उ0प्र0 की 17 पिछड़ी जातियों (कहार, कश्यप, केवट, मल्लाह, निषाद, कुम्हार, प्रजापति, धीवर, बिन्द, भर, राजभर, धीमर, बाथम, तुरहा, गोड़िया, मांझी तथा मछुआ) को अनुसूचित जाति की सूची में परिभाषित करके अनुमन्य सुविधाएं उपलब्ध कराए जाने के उद्देश्य से यह निर्णय लिया गया है।
ज्ञातव्य है कि उ0प्र0 की 17 पिछड़ी जातियों (कहार, कश्यप, केवट, मल्लाह, निषाद, कुम्हार, प्रजापति, धीवर, बिन्द, भर, राजभर, धीमर, बाथम, तुरहा, गोड़िया, मांझी तथा मछुआ) को अनुसूचित जाति की सूची में परिभाषित करके तत्सम्बन्धी सुविधाएं उपलब्ध कराए जाने के उद्देश्य से उ0प्र0 शासन गोपन अनुभाग-1 द्वारा तत्कालीन समाज कल्याण मंत्री की अध्यक्षता में 05 सदस्यीय मंत्रिपरिषद की उप समिति का गठन किया गया था।
उप समिति द्वारा यह संस्तुति की गई कि उ0प्र0 की 17 पिछड़ी जातियों (कहार, कश्यप, केवट, मल्लाह, निषाद, कुम्हार, प्रजापति, धीवर, बिन्द, भर, राजभर, धीमर, बाथम, तुरहा, गोड़िया, मांझी तथा मछुआ) को अनुसूचित जाति में सम्मिलित किए जाने की सभी पात्रताएं/योग्यताएं रखती हैं। अतः इस समिति की यह संस्तुति है कि उपरोक्त 17 पिछड़ी जातियों को अनुसूचित जाति की सूची में शामिल कर लिया जाए। इसके लिए अनुसूचित जाति एवं जनजाति शोध एवं प्रशिक्षण संस्थान द्वारा कराए गए सामाजिक, आर्थिक एवं शैक्षिक अध्ययन की रिपोर्ट तथा भारत सरकार द्वारा मांगी गई 18 बिन्दुओं की सूचना भारत सरकार को प्रेषित कर दिया जाए।
कालांतर में मंत्रिपरिषद की बैठक दिनांक 28 फरवरी, 2013 में इस प्रस्ताव पर अनुमोदन प्राप्त किया गया तथा प्रश्नगत 17 पिछड़ी जातियों को अनुसूचित जाति की सूची में शामिल करने के लिए प्रस्ताव सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्रालय, भारत सरकार को प्रेषित किया गया।
इस प्रस्ताव को भारत सरकार द्वारा रिजेक्ट किए जाने के बाद शासन द्वारा उच्च स्तर से कतिपय विधि विशेषज्ञों तथा मा0 महाधिवक्ता, उ0प्र0 से परामर्श प्राप्त किया गया, जिसमंे उनके द्वारा यह परामर्श दिया गया कि इन 17 पिछड़ी जातियों को कार्मिक विभाग द्वारा जारी की गई अधिसूचना में एक नया क्लाॅज जोड़कर अनुसूचित जाति का अनुमन्य लाभ प्रदान किया जा सकता है। इसके दृष्टिगत शिल्पकार, मझवार, गोंड, बेलदार, तुरैया की उपजाति कहार, कश्यप, केवट, मल्लाह, निषाद, कुम्हार, प्रजापति, धीवर, बिन्द, भर, राजभर, धीमर, बाथम, तुरहा, गोड़िया, मांझी तथा मछुआ को अनुसूचित जाति के रूप में परिभाषित करने के लिए भारत सरकार को प्रस्ताव भेजने का निर्णय लिया गया है। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की इस मामले में क्या भूमिका रहेगी