What is the fundamental analysis of Stocks.
आइए हम समझते हैं कि फंडामेंटल एनालिसिस क्या होता है दोस्तों किसी भी कंपनी के शेयर खरीदने से पहले उस कंपनी का एनालिसिस करना पड़ता है शेयर बाजार में कंपनियों का 2 तरीकों से एनालिसिस किया जाता है एक होता है टेक्निकल एनालिसिस और दूसरा होता है फंडामेंटल एनालिसिस, फंडामेंटल एनालिसिस के विषय में शेयर बाजार में दो तरह के लोग होते हैं trader और इन्वेस्टर trader वे लोग होते हैं जो कंपनी के शेयर की प्राइस का टेक्निकल एनालिसिस की मदद से एनालिसिस करते हैं और बाजार में ट्रेडिंग करते हैं और इन्वेस्टर वे लोग होते हैं जो कंपनी के बिजनेस का एनालाइज करते हैं और लंबे समय के लिए बाजार में निवेश करते हैं या आप इसको ऐसे भी समझ सकते हैं कि जब 1 साल से अधिक समय के लिए जब किसी शेयर में निवेश किया जाता है तो उसे इन्वेस्टिंग कहते हैं।
इन्वेस्टिंग के लिए शेयर ढूंढने की प्रक्रिया को फंडामेंटल एनालिसिस कहते हैं फंडामेंटल एनालिसिस में कंपनी का बहुत बारीकी से एनालिसिस किया जाता है कि कंपनी का बिजनेस कैसा है, कंपनी क्या प्रोडक्ट बनाती हैं, मार्केट में प्रोडक्ट की डिमांड कितनी है, कंपनी प्रॉफिट में है या लॉस में, कंपनी का कैश फ्लो कितना है, कंपनी पर कर्ज कितना है, कंपनी के competitor कितने मजबूत हैं, कंपनी का मैनेजमेंट कैसा है, इन सभी का एनालिसिस करना ही फंडामेंटल एनालिसिस कहलाता है दोस्तों बाजार में जितने भी बड़े निवेशक हैं जैसे कि वारेन बुफेट और राकेश झुनझुनवाला यह सभी कंपनियों का फंडामेंटल एनालिसिस करके ही बाजार में निवेश करते हैं फंडामेंटल एनालिसिस में यह देखा जाता है कि जिस कंपनी का शेयर हम खरीद रहे हैं वह आर्थिक रूप से कितनी मजबूत है क्या लंबे समय में वह कंपनी हमें अच्छा मुनाफा कमा कर दे सकती हैं फंडामेंटल एनालिसिस करने का उद्देश्य वर्तमान में किसी कंपनी के शेयर को डिस्काउंट प्राइस में खरीदकर भविष्य में प्रीमियम प्राइस पर बेचना होता है तो दोस्तों अब आपको समझ में आ ही गया होगा कि फंडामेंटल एनालिसिस किसे कहते हैं
फंडामेंटल एनालिसिस को दो भागों में बांटा गया है
1क्वालिटेटिव एनालिसिस, क्वानटेटिव एनालिसिस
क्वालिटेटिव एनालिसिस क्या होता है
पहला है क्वालिटेटिव एनालिसिस और दूसरा है क्वानटेटिव एनालिसिस दोस्तों क्वालिटेटिव एनालिसिस में हम उन बातों का एनालिसिस करते हैं जिन्हें हम नंबर्स के रूप में नहीं जान सकते हैं। जैसे कि कंपनी का बिजनेस मॉडल कैसा है, कंपनी क्या क्या बिजनेस करती हैं, कंपनी के प्रोडक्ट और सर्विसेस कितनी अच्छी हैं, कंपनी के कितने competitor हैं और कंपनी की मैनेजमेंट कैसी हैं, कंपनी के फ्यूचर प्लांस क्या है, कंपनी की मार्केट में कंपनी की ब्रांड इमेज कितनी अच्छी है इन सभी का एनालिसिस क्वालिटेटिव एनालिसिस में किया जाता है जिससे कि हमें कंपनी की क्वालिटी का पता चल सके क्वालिटेटिव एनालिसिस हर एक इन्वेस्टर के लिए अलग अलग हो सकता है क्योंकि यह नंबर्स के रूप में नहीं जाना जा सकता है।
2क्वानटेटिव एनालिसिस
क्वानटेटिव एनालिसिस क्या होता है
दोस्तों अब हम बात कर लेते हैं क्वानटेटिव एनालिसिस की दोस्तों क्वानटेटिव एनालिसिस में हम कंपनी के गुण Fractors की बात करते हैं जिन्हें हम नंबर्स के रूप में जान सकते हैं इसमें कंपनी के वित्तीय हालात को देखने वाले नंबर का एनालिसिस किया जाता है जैसे कि कंपनी के फाइनेंशियल स्टेटमेंट्स जिसमें देखा जाता है कंपनी की बैलेंस शीट, कंपनी के प्रॉफिट एंड लॉस स्टेटमेंट, कंपनी का कैश फ्लो स्टेटमेंट इसी तरह के कई रेस्यो को जानकर हम कंपनी की सेल्स ग्रोथ और प्रॉफिट ग्रोथ का एनालिसिस किया जा सकता है जिससे कि हम कंपनी की फाइनेंसियल हेल्थ फ्रोबिबिलिटी को जान सकते हैं क्वानटेटिव एनालिसिस में कंपनी कितनी अच्छी है या हर एक इन्वेस्टर के लिए एक समान होता है क्योंकि यहां पर हमें एनालिसिस नंबर्स के रूप में पता चलते हैं दोस्तों अगर आपको एक सफल इन्वेस्टर बनना है तो आपको फंडामेंटल एनालिसिस करना आना ही चाहिए अगर आप लॉन्ग टर्म में अच्छा प्रॉफिट बनाना चाहते हैं तो आपको इस बात का ध्यान रखना बहुत जरूरी है कि कंपनी क्वालिटेटिव एनालिसिस और क्वानटेटिव एनालिसिस दोनों ही तरह के एनालिसिस में बहुत ही अच्छी हो।
उदाहरण के तौर पर
दोस्तों जैसा कि हम कभी-कभी न्यूज़ में देखते हैं या कहीं पर पढ़ते हैं कि किसी व्यक्ति ने 10-20 साल पहले फैलाने शेयर को ₹50000 में खरीदे थे और आज उनकी वैल्यू लाखों करोड़ों की हो गई है तो उन लोगों को कैसे पता चलता है कि फलाना शेयर आने वाले 10-20 सालों में इतना अच्छा रिटर्न दे सकता है तो दोस्तों इस को जानने के लिए लोग फंडामेंटल एनालिसिस का उपयोग करते हैं अब कुछ लोग यह सोचने लगे होंगे कि फंडामेंटल एनालिसिस अच्छा है या टेक्निकल एनालिसिस तो इसका जवाब यह है कि दोनों ही अपनी-अपनी जगह बेस्ट हैं अगर आप ट्रेडिंग करना चाहते हैं तो टेक्निकल एनालिसिस आपके लिए बेस्ट है और अगर आप इन्वेस्टमेंट करना चाहते हैं तो फंडामेंटल एनालिसिस आपके लिए बेस्ट है अगर आप यह अनुमान लगा सके कि आने वाले 10 साल में कौन सी चीज की डिमांड बढ़ने वाली हैं जो कि आज डिमांड में नहीं है और आप उस कंपनी का सही फंडामेंटल एनालिसिस कर पाए तो आप भी एक बेहतरीन निवेशक बन सकते हैं जिसे कि आज से 20 साल पहले किसी ने यह अनुमान लगा लिया हो कि हर एक व्यक्ति के पास मोबाइल होगा और उस मोबाइल में इंटरनेट होगा तो उसने इंटरनेट कंपनियों के शेयर खरीद लिए होंगें और आज वह करोड़ों का प्रॉफिट बना चुका होगा जैसे कि वारेन बुफेट को यह समझने में देर नहीं लगी कि आने वाला समय कैशलेस होने वाला है और उन्होंने तुरंत ही पेटीएम का एक बड़ा हिस्सा खरीद लिया सभी सफल इन्वेस्टर जोकि लोंग टर्म में इन्वेस्टमेंट करते हैं वे सभी शेयर ढूंढने के लिए फंडामेंटल एनालिसिस का उपयोग करते हैं।
फंडामेंटल एक बढ़िया बिजनेस ढूंढने में मदद करता है जिसका शेयर डिस्काउंट पर मिल रहा हो कोई भी इन्वेस्टर जब किसी कंपनी के शेयर खरीदता है तो वह उस कंपनी से यह उम्मीद करता है यह कंपनी आने वाले कुछ सालों में अच्छा प्रॉफिट कमा कर दे टेक्निकल चार्ट और इंडिकेटर कंपनी के बारे में नहीं बताते हैं वह सिर्फ प्राइस मोमेंट पर ही बाय-सेल के सिग्नल देते हैं टेक्निकल एनालिसिस को आप एक कार समझें और फंडामेंटल एनालिसिस को कार का फ्यूल कार चाहे जितनी भी अच्छी हो लेकिन उस में डाला गया फ्यूल अगर अच्छी क्वालिटी का नहीं है तो वह अच्छी कार भी बीच रास्ते में बंद पड़ जाती है इसी प्रकार अगर जाट है टेक्निकल कितने भी अच्छी हो और कब मीका फंडामेंटल एनालिसिस बेकार हो तो ऐसी कंपनियों के शेयर कभी भी कौड़ियों के भाव हो सकते हैं।
निवेश करने से पहले शेयर का फंडामेंटल एनालिसिस करना बहुत जरूरी हो जाता है फंडामेंटल एनालिसिस का उपयोग हमेशा लॉन्ग टाइम फ्रेम में किया जाता है इससे जल्दी पैसा कमाने का टारगेट नहीं रखा जाता है बल्कि अपने पोर्टफोलियो को सही रेट ऑफ रिटर्न पर कंपाउंडिंग करने पर ध्यान दिया जाता है फंडामेंटल एनालिसिस के लिए हमेशा टॉप टू डाउन अप्रोच का इस्तेमाल किया जाता है जिसमें सबसे पहले ग्लोबल इकोनामिक का एनालिसिस किया जाता है उसके बाद लोकल इकोनामी फिर सेक्टर, इंडस्ट्री और आखिर में फनी के बिजनेस का एनालिसिस किया जाता है।
कंपनी के फंडामेंटल एनालिसिस के लिए इन सभी की जानकारी होना बहुत जरूरी है
जैसे
बैलेंस शीट, प्रॉफिट एंड लॉस अकाउंट, कैश फ्लो स्टेटमेंट, एनुअल रिपोर्ट, फाइनेंशियल रेशों, पीई रेशों, ईपीएस मतलब की अर्निंग पर शेयर, बुक वैल्यू मैनेजमेंट एनालिसिस, प्रॉफिट एंड सेल्स ग्रोथ, opponent कंपनी, जिस क्षेत्र में कंपनी उस क्षेत्र के नियम और कानून तो दोस्त थे फंडामेंटल एनालिसिस के विषय में कुछ बेसिक जानकारी उम्मीद है आपको यह जानकारी पसंद आई होगी।