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जीडीपी वृद्धि की दर की कमी से शेयर बाजार में मंदी देखने को मिल सकती है इस तिमाही जीडीपी के आंकड़े काफी नेगेटिव है जिससे भारतीय स्टॉक मार्केट में आज दबाव देखने को मिला सेंसेक्स और निफ्टी दबाव के साथ लाल निशान पर बंद हुए
जीडीपी एक आम आदमी पर कैसे असर डालती है
किसी भी देश में यदि जीडीपी दर में कमी आ रही है तो उस देश के लोगों के लिए यह चिंता की बात है क्योंकि सकल घरेलू उत्पाद कम होने पर जीडीपी दर कम हो जाती है देश में उत्पादन कम होने पर बेरोजगारी बढ़ जाती है उत्पादन कम होने पर महंगाई भी बढ़ जाती है जीडीपी वृद्धि दर की कमी से हर व्यक्ति की आमदनी कामकाज खर्चा निवेश में अत्याधिक उतार-चढ़ाव देखने को मिलने लगते हैं इन्हीं सब कारणों से देश की अर्थव्यवस्था प्रभावित हो जाती है जिसका सीधा असर उस देश के प्रत्येक नागरिक पर पड़ता है
भारतवर्ष दुनिया भर में तेजी से बढ़ती हुई अर्थव्यवस्था में एक नंबर पर है कोविड-19 की वजह से दुनिया भर के देशों की अर्थव्यवस्था चरमरा गई किंतु सबसे तेजी से बढ़ती हुई अर्थव्यवस्था में भारत पहले स्थान पर है सबसे तेजी से बढ़ती हुई अर्थव्यवस्था में चीन को पछाड़कर भारत पहले नंबर पर आ गया है रेटिंग एजेंसी फिच ने अपने ताजा वैश्विक आर्थिक परिदृश्य में कहा है कि साल 2020- 21 में भारत की जीडीपी दर 7.1% तक पहुंच सकती है
जीडीपी वृद्धि दर की कमी से शेयर मार्केट में इसलिए दबाव बढ़ जाता है
1 सकल घरेलू उत्पाद में कमी
2 उत्पाद की कमी के कारण महंगाई और बेरोजगारी बढ़जाना
3 प्रति व्यक्ति बचत और निवेश में कमी
4 अर्थव्यवस्था का प्रभावित हो जाना
5 निवेशकों में असंतोष की भावना
इन सभी कारणों वश यदि किसी भी देश की जीडीपी वृद्धि दर में कमी आ जाती है तो उस देश के स्टॉक मार्केट में दबाव बढ़ जाता है