IPO investment में निवेश का फैसला आसान नहीं होता है । कोई आईपीओ जितना attractive हो सकता है , उतना ही रिस्क फैक्टर भी होता है , जिससे निवेशकों को सावधान रहना चाहिए ।
1 - Detail Research
आईपीओ तब जारी होता है जब कोई कंपनी पहली बार एक्सचेंज में लिस्टिंग की जाती है और इसके बाद ही कंपनियों को हर तिमाही अपने प्रमुख फाइनेंशियल आंकड़ों की रिपोर्ट पेश करनी होती है . ऐसे में कंपनी , उसके प्रमोटरों , उनके आपराधिक रिकॉर्ड ( यदि कोई हो ) , फाइनेंसिंग , प्रतियोगियों , मीडिया कवरेज और इसकी औद्योगिक गतिविधियों के बारे में अधिकतम जानकारी जुटाई जानी चाहिए ।
2 - Focus on Valuation
Allotment पाने के लिए अधिकतर निवेशक किसी कंपनी या उसके फंडामेंटल एनालिसिस के Valuation पर ज्यादा ध्यान नहीं देते हैं । निवेशकों के पास डीएचआरपी ( DHRP ) के अलावा कंपनी के बारे में एनालिसिस करने के लिए कोई खास डेटा नहीं होता है । हालांकि इसके बावजूद जिस सेक्टर की कंपनी है , उस सेक्टर की अन्य कंपनियों के बारे में Valuation को लेकर एनालिसिस कर सकते हैं ।
3 - Monitoring on QIB Partnership
आईपीओ लाने वाली कंपनी Qualified Institutional Buyers ( QIB ) विशेष पिच बनाती है । क्यूआईबी सेबी - रजिस्टर्ड फाइनेंशियल इंस्टीट्यूशन , बैंक , म्यूचुअल फंड और FII ( Foreign Institutional Investors ) होते हैं जो आमतौर पर दूसरों की ओर से धन का निवेश करते हैं . क्यूआईबी के निवेश से स्टॉक के भविष्य प्रदर्शन को आंका जाता है यानी कि क्यूआईबी ने कितना सब्सक्राइब किया है । उससे अंदाजा लगाया जाता है कि स्टॉक्स निवेश के लिए कितना बेहतर है । हालांकि इस आंकड़े पर पूरी तरह भरोसा नहीं करना चाहिए क्योंकि क्यूआईबी का भी इसमें अपना नफा - नुकसान हो सकता है ।
4 - Study of DRHP
आईपीओ लाने वाली सभी कंपनियों को DRHP में अपने बिजनेस ऑपरेशंस , टेवेन्यूज , संपत्ति , लाइबिलिटीज , मार्केट लैंडस्केप के साथ - साथ निवेशकों से जुटाए गए फंड का इस्तेमाल कैसे करेंगे , यह बताना होता है । क्योंकि निवेशकों को हर चीज के बारे में जानकारी देनी होती है ताकि वे सही फैसले ले सकें ।
IPO investment |
5 - Advantage Of Technology
आईपीओ और In- Depth Analysis में किसी भी चीज में गलती की आशंका को कम करने के लिए तकनीक का फायदा उठाए । भारत में ऐसे Invesment Recommendation Agency है जो 100 करोड़ से अधिक डेटा पॉइंट्स का इस्तेमाल करके बेंचमार्क नतीजों को सामने रखती है । ये आईपीओ से संबंधित सलाह भी देते है ।