शेयर मार्केट न्यूज़ |
पिछले कई महीनों से दुनिया भर के शेयर बाजारों में जो तेजी देखने को मिली रही थी अब वो धीरे धीरे थमती जा रही है sensex और Nifty 50 भी पिछले 1 महीने से 100-200 पॉइंट के आसपास ही ट्रेड कर रही है
इस महीने nifty50 15690 से 15860 के आसपास ट्रेड कर रही है और sensex भी 52484 से 52825 के आसपास ही ट्रेड कर रहा है
शेयर बाजार में सुस्ती का कारण
शेयर बाजार में कोविड-19 के कारण पिछले वर्ष जिस तरह से गिरावट देखने को मिली वह शायद अब ना देखने को मिले बाजार जबरदस्त बाउंसबैक के साथ निफ्टी और सेंसेक्स अपने लाइफटाइम हाई स्कोर पर पहुंच गए किंतु अब दुनिया भर के शेयर बाजार और भारतीय शेयर बाजारों में पहले जैसी तेजी देखने को नहीं मिल रही है शेयर मार्केट सीमित उतार-चढ़ाव के साथ ही कारोबार कर रहा है बाजार की सुस्ती के कई कारण हो सकते हैं
जैसे कि
- ग्लोबल मार्केट की स्थिरता
- देश की गिरती हुई जीडीपी
- Stock market lifetime high
- बाजार में मुनाफावसूली का डर
उपरोक्त कारणों से निवेशक अब सजगता से निवेश कर रहे हैं शायद इन्हीं कारणों वश शेयर मार्केट की चाल थम गई है अनुमान लगाया जा रहा है कि अगले कुछ महीनों तक वर्ष 2021 की आखिरी तिमाही तक ऐसे ही मार्केट थोड़े बहुत उतार-चढ़ाव के साथ ट्रेड करता रहेगा
अगली तिमाही में बाजार कैसा रहेगा
अनुमान यह लगाया जा रहा है कि आने वाली इस तिमाही में शेयर बाजार निश्चित दायरे में ट्रेड करेगा यदि ग्लोबल मार्केट सामान्य रहे तो भारतीय स्टॉक मार्केट में भी सीमित उतार-चढ़ाव रहेगा
और यदि सोने चांदी की कीमतों में तेजी रही और ग्लोबल मार्केट में भी तेजी देखने को मिली तो भारतीय शेयर बाजार भी और आगे तक जाएगा निफ़्टी फिफ्टी 16500 के पार पहुंच सकती हैं किंतु nifty50 का यह स्तर आने वाली इस तिमाही में शायद ना पहुंचे लेकिन यह तय है कि कि 2021 के अंत तक निफ़्टी फिफ्टी 16500 के पार अपना सपोर्टिंग लेबल बनाएगी
निवेशक क्या करें
निवेशकों को चाहिए कि वह इस समय फार्मा सेक्टर आईटी सेक्टर केमिकल सेक्टर आदि मजबूत कंपनियों के शेयरों में निवेश करें अधिक उतार-चढ़ाव वाले शेयरों से दूर है हाल में ही कुछ ऐसे शेयरों को देखा गया है जिसमें पहले तो अपर सर्किट लगा और उसके बाद लोअर सर्किट लगना शुरू हो गया
इस समय निवेशकों को चाहिए कि वह लॉन्ग टर्म के लिए शेयर बाजार में निवेश करें जब कभी भी मार्केट लाइफटाइम हाई पर ट्रेड करता है तो मुनाफावसूली के वजह से होने वाली गिरावट का डर हमेशा बना रहता है