what is lock in |
लॉक इन वह समय अवधि होती है जिस अवधि में निवेशक खरीदी गई किसी संपत्ति या शेयरों को निर्धारित समय के लिए बेच नहीं सकते हैं लॉक इन की समय अवधि 1 वर्ष 2 वर्ष या 3 वर्ष भी हो सकती है आमतौर पर यह समय अवधि 1 से 2 महीने तक की होती है जिस कंपनी का यह फैसला होता है यदि उस कंपनी के शेयर आपके पास है तो कंपनी द्वारा जारी किए गए नियमों के हिसाब से आप कुछ शेयर ही बेच सकते हैं
लॉक-इन कब लगाया जाता है
अधिकतर कंपनियां अपने निवेशकों को लंबे समय तक कंपनी से जोड़ने या वित्तीय समस्या के तहत लॉक इन का फैसला लेती हैं कंपनियों यह फैसला अधिकतर शेयर बाजार में लिस्टेड होने के तुरंत बाद लेती हैं जिससे निवेशक कंपनी के साथ लंबे समय तक जुड़े रहे या किसी कंपनी को वित्तीय संकट में यह फैसला लेना पड़ सकता है सरकार द्वारा भी किसी कंपनी को वित्तीय संकट से उबारने के लिए यह कदम उठाना पड़ सकता है
मौजूदा समय में यस बैंक के शेयरों पर लॉक इन की खबरें आ रही हैं यस बैंक के शेयरों पर 3 साल तक लॉक इन की शर्तें लागू रहेंगी इस समय अवधि में जारी की गई शर्तों के हिसाब से ही शेयरों का कुछ हिस्सा बेचा जा सकता है बाकी शेयर लॉक इन समय अवधि तक ब्लॉक रहेंगे उनको आप बेच नहीं सकते
लॉक इन में कंपनी शर्ते लागू करती है और उसी के हिसाब से आपको शेयरों का कुछ हिस्सा बेचने का अधिकार दिया जाता है lock in समय अवधि में निवेश की गई पूंजी कुछ समय के लिए ब्लॉक कर दी जाती है शेयर बाजार में लॉक इन के बारे में हिंदी में जानकारी शेयर बाजार में लॉक इन क्या होता है